भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का लक्ष्मी विलास बैंक के साथ प्रस्तावित विलय को मंजूरी दे दी है।
बताते चलें कि अप्रैल 2019 में लक्ष्मी विलास बैंक ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य अधिक पूंजी आधार बनाना है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने 20 जून 2019 को हुई अपनी बैठक में विलय के प्रस्ताव पर विचार किया और उसे मंजूरी दे दी है।
इससे पहले लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक के इंडियाबुल्स हाउसिंग के साथ विलय को मंजूरी दी थी। विलय प्रस्ताव के तहत बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडियाबुल्स के 14 शेयर मिलेंगे।
दोनों कंपनियों के विलय से बनने वाली संयुक्त इकाई में कर्मचारियों की संख्या 14,302 होगी और वर्ष 2018-19 के पहले नौ महीने की अवधि में उसका दिया गया कर्ज 1.23 लाख करोड़ रुपये होगा।
विलय प्रस्ताव के तहत बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडियाबुल्स के 14 शेयर मिलेंगे।
80 हजार करोड़ रुपये की कालेश्वरम सिंचाई परियोजना का उद्घाटन
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने 21 जून को 80 हजार करोड़ रुपये की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया।
राज्य सरकार का कहना है कि इस दक्षिणी राज्य के लिए वरदान मानी जाने वाली यह परियोजना एक साल में 45 लाख एकड़ जमीन पर दो फसलों की सिंचाई में मददगार साबित होगी।
राज्य सरकार ने कहा कि इससे ‘मिशन भागीरथ’ पेयजल आपूर्ति परियोजना को 40 टीएमसी जल की आपूर्ति की जाएगी। इसमें कहा गया कि यह परियोजना ग्रेटर हैदराबाद की एक करोड़ लोगों को पेयजल की आपूर्ति में मदद करेगी। इसके अलावा, परियोजना से राज्य में हजारों उद्योगों को 16 टीएमसी जल की व्यवस्था होगी।
इस परियोजना ने राज्य में पनबिजली उत्पादन के लिए भी अवसर खोल दिए हैं। जयशंकर-भुपालपल्ली जिले के मेदिगगड्डा में बैराज खोले जाने के समय तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी मौजूद थे।
राव ने कन्नेपल्ली में परियोजना के तहत एक पंप हाउस का भी उद्घाटन किया जहां महाराष्ट्र से निकलने वाली नदी गोदावरी का जल तेलंगाना से होता हुआ आंध्र प्रदेश में समुद्र में जाकर मिल जाता है।