Current Affairs : 25-12-2017

1) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा येरूशलम (Jerusalem) को इज़राइल (Israel) की राजधानी का दर्जा देने के एकतरफा फैसले को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) ने 21 दिसम्बर 2017 को हुए मतदान में भारी बहुमत से खारिज कर अमेरिका को बड़ा झटका दिया। इस प्रस्ताव के खिलाफ अमेरिका और इज़राइल के अलावा किन 7 देशों ने मतदान कर इस मसले पर अमेरिका का समर्थन किया? – ग्वाटेमाला, हॉण्डुरास, मार्शल आइलैण्ड्स, माइक्रोनेशिया, नौरू, पलाऊ और टोगो

विस्तार: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 6 दिसम्बर 2017 को येरूशलम को इज़राइल की राजधानी की मान्यता प्रदान करने के एकपक्षीय तथा अप्रत्याशित फैसले पर अमेरिका राजनीतिक तौर पर तब अलग-थलग पड़ गया जब इस मुद्दे पर अमेरिका का विरोध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) में लाए गए एक प्रस्ताव पर 21 दिसम्बर 2017 को हुए मतदान में 9 के मुकाबले 128 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन कर अमेरिका द्वारा दी गई इस मान्यता को अवैध करार दिया।
 महासभा में हुए एक आपातकालीन सत्र में कुल 128 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन का कर अमेरिका का विरोध किया, 9 देशों ने अमेरिका का साथ दिया जबकि 35 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया (abstained)।
 खास बात यह रही कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के शेष सभी 4 देशों (रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन) ने अमेरिका का साथ नहीं दिया। वहीं कुछ अन्य प्रमुख देश जिन्होंने अमेरिका का विरोध किया थे – भारत, ईरान, ब्राज़ील, जर्मनी, इटली, जापान, पाकिस्तान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और स्विट्ज़रलैण्ड।
 इज़राइल के अलावा 7 छोटे देशों ने ही अमेरिका का साथ दिया जो हैं ग्वाटेमाला, हॉण्डुरास, मार्शल आइलैण्ड्स, माइक्रोनेशिया, नौरू, पलाऊ और टोगो।
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2) भारतीय संसद ने 19 दिसम्बर 2017 को कम्पनी (संशोधन) विधेयक 2017 को पारित कर दिया जिसका मुख्य उद्देश्य देश में कॉर्पोरेट गवर्नेंस को सुदृढ़ करना, डिफॉल्ट करने वाली कम्पनियों के खिलाफ कदम उठाना और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में सुधार लाना है। यह संशोधन विधेयक किस अधिनियम में संशोधन के लिए लाया गया है? – कम्पनी अधिनियम, 2013 (Companies Act, 2013)
विस्तार: कम्पनी (संशोधन) विधेयक 2017 (Companies (Amendment) Bill 2017), जो कम्पनी अधिनियम, 2013 (Companies Act, 2013) में व्यापक संशोधन लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, को राज्य सभा ने 19 दिसम्बर 2017 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक को लोकसभा ने पहले ही जुलाई 2017 में पारित कर दिया था तथा अब इसे अधिनियम बनाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत किया जाना शेष है।
 यह संशोधन विधेयक देश में कॉरपोरेट गवर्नेंस में व्यापक सुधार लाते हुए इसे सुदृढ़ करेगा, प्राइवेट प्लेसमेंट प्रक्रिया का सरलीकरण करेगा, निदेशकों को प्रदत्त ऋण से सम्बन्धित प्रावधानों का सरलीकरण करेगा, तथा कम्पनियों के प्रबन्धकों को निर्धारित अधिकतम वेतनमान से अधिक वेतन देने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति लेने के नियम में ढील देने की व्यवस्था करेगा।

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3) दिल्ली के एक न्यायालय ने 21 दिसम्बर 2017 को 2G स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा (A. Raja) और डीएमके (DMK) की राज्यसभा सांसद कन्नीमोझी (Kanimozhi) समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। यह बहुप्रतीक्षित निर्णय सीबीआई के विशेष न्यायाधीश द्वारा दिया गया? – न्यायमूर्ति ओ.पी. सैनी (Justice O.P. Saini)
विस्तार: चर्चित 2G स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने ए. राजा. कन्नीमोझी, तत्कालीन दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा और ए. राजा के निजी सचिव आर.के. चन्दोलिया समेत कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया था। इन पर आरोप लगाया गया था कि इन्होंने काफी सस्ते मूल्य पर 2G स्पेक्ट्रम आवंटित कर/करवा कर देश के राजस्व को भारी नुकसान पहुँचाया था।
 सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह आरोप लगाया था कि एस्सार समूह (Essar Group) दरअसल उस आवंटित 2G स्पेक्ट्रम का वास्तविक मालिक था जिसे लूप टेलीकॉम (Loop Telecom) नामक एक कम्पनी को आवंटित किया गया था और इस स्पेक्ट्रम का लाभ एस्सार समूह के प्रमोटर्स और निवेशकों को मिला।
 लेकिन इस मामले की सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई न्यायाधीश न्यायमूर्ति ओ.पी. सैनी ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई आरोपियों को दोषी ठहराने में पूरी तरह से विफल रही है तथा सभी आरोपियों को बरी किया जाता है।
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4) भारतीय विज्ञान कांग्रेस (Indian Science Congress – ISC) के 105 वर्ष लम्बे इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब दुनिया भर से आए नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिकों तथा भारतीय वैज्ञानिकों के इस वार्षिक आयोजन को अनिश्चितकालीन समय के लिए 20 दिसम्बर 2017 को स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस के इस वर्ष 2018 के संस्करण का आयोजन किस विश्वविद्यालय में होना था? – उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
विस्तार: हैदराबाद स्थित उस्मानिया विश्वविद्यालय (Osmania University) को भारतीय विज्ञान कांग्रेस (Indian Science Congress – ISC) के वर्ष 2018 के संस्करण का आयोजन 3 से 7 जनवरी 2018 के बीच करना था। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैम्पस में अराजकता के माहौल को देखते हुए 20 दिसम्बर 2017 को स्पष्ट किया कि वह मौजूदा स्थितियों को देखते हुए इस कांग्रेस को आयोजित करने की स्थिति में नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष विश्वविद्यालय में एक छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद से यहाँ का माहौल खराब चल रहा है।
 भारतीय विज्ञान कांग्रेस प्राय: भारतीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाला पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होता है। इस प्रतिष्ठित कांग्रेस में दुनिया भर के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक, भारत के प्रमुख वैज्ञानिक तथा हजारों छात्र शिरकत करते हैं तथा यह विज्ञान के क्षेत्र में देश का सबसे प्रसिद्ध वार्षिक आयोजन है। वर्ष 2018 में इस कांग्रेस का 105वाँ संस्करण आयोजित होना है।
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5) किस वनस्पति प्रजाति को “वृक्ष” (tree) की श्रेणी से बाहर करने के उद्देश्य से लोकसभा ने भारतीय वन अधिनियम में संशोधन करने से सम्बन्धित एक विधेयक 20 दिसम्बर 2017 को पारित किया? – बाँस (Bamboo)
विस्तार: लोकसभा ने बाँस (Bamboo) को वृक्ष (tree) की श्रेणी से बाहर करने से सम्बन्धित एक विधेयक 20 दिसम्बर 2017 को प्रारित किया। यह विधेयक भारतीय वन अधिनियम, 1927 (Indian Forest Act, 1927) में संशोधन करेगा जिसके चलते गैर-वन क्षेत्र (non-forest areas) में बाँस को काटने और वहाँ से इसे बाहर भेजने की अनुमति मिल जायेगी।
 उक्त विधेयक 23 नवम्बर 2017 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत एक अध्यादेश (Ordinance) का स्थान भी लेगा जिसको इसी उद्देश्य से प्रभाव में लाया गया था। बाँस के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार का मानना है कि वनस्पति-विज्ञान के अनुसार भी बाँस एक घास (grass) तथा इस संशोधन से देश में बाँस की पैदावार करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा।
 उल्लेखनीय है कि चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाँस उत्पादक देश होने के बाद भी भारत को बाँस का आयात करना पड़ता है क्योंकि यहाँ बाँस को वृक्ष की श्रेणी में रखे जाने से इसका वाणिज्यिक व्यवासाय संभव नहीं है। बाँस का उपयोग कागज, यार्न, हस्तकला, सजावती सामान, वाद्य यंत्रों तथा फर्नीचर, आदि बनाने में खूब किया जाता है।
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6) 18 दिसम्बर 2017 को घोषित विधानसभा चुनाव परिणामों (Assembly Election Results) में कांग्रेस (Congress) द्वारा गुजरात विधानसभा में अपनी सीटों में अच्छा खासा इजाफा करने के बावजूद भाजपा (BJP) अपनी सत्ता कायम करने में सफल रही। इस जीत के साथ भाजपा राज्य में लगातार कितनी बार सत्ता को कायम करने में सफल रही है? – पाँचवी बार
विस्तार: हाल ही में सम्पन्न हुए गुजरात विधानसभा चुनावों के परिणाम 18 दिसम्बर 2017 को घोषित किए गए। इसमें सत्ताधारी भाजपा की सीटें वर्ष 2012 की तुलना में 17 घट कर मात्र 99 रह गईं जबकि कांग्रेस की सीटें 60 से बढ़कर 77 हो गईं। राज्य की 182-सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों ने भी 3 सीटें जीतीं जबकि अन्य पार्टियों/निर्दलीयों ने शेष 3 सीटें जीतीं।
 सीटों की संख्या कम होने के बावजूद भाजपा राज्य में लगातार पाँचवीं बार अपनी सत्ता को कायम करने में सफल रही। भाजपा पहली बार वर्ष 1995 में राज्य में सत्ता में आई थी जब उसने 182 में से 121 सीटें जीती थीं। इसके बाद पार्टी ने लगातार 5 बार (1998, 2002, 2007, 2012 और 2017) में अपनी सत्ता कायम करने में सफलता कायम की।
 वहीं हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भाजपा ने सत्ता में वापसी की जब उसने राज्य की 68-सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटें जीत ली जबकि वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) के नेतृत्व वाली कांग्रेस 21 सीटों में सिमट गई। निर्दलीयों/अन्य पार्टियों ने शेष 3 सीटों पर कब्जा किया। इस जीत के साथ भाजपा की स्वयं अथवा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर देश के कुल 19 राज्यों में सत्ता कायम हो चुकी है।
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