56 साल पहले रखी गई थी सरदार सरोवर बांध की नींव, जानें इसकी 10 खास बातें


देश के दूसरे सबसे बड़े बांध – गुजरात स्थित सरदार सरोवर बांध (Sardar Sarovar Dam) का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितम्बर 2017 को किया। इस विशाल बांध की नींव 1961 में रखी गई थी.
  नर्मदा नदी (Narmada River) पर सरदार सरोवर बांध (Sardar Sarovar Dam) का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू (Pt. Jawaharlal Nehru) ने 5 अप्रैल 1961 को किया था। लेकिन तमाम अड़चनों के बाद इसपर काम 1987 में शुरू हुआ था। इसके बावजूद इस बांध का काम पूरा होने में 3
दशक का समय लग गया। यह अमेरिका में स्थित ग्रैण्ड कौली बांध (Grand Coulee Dam) के बाद दुनिया का सबसे बड़ा बांध है। वहीं इस्तेमाल किए गए कान्क्रीट की मात्रा के आधार पर यह दुनिया का सबसे बड़ा बांध है।
 सरदार सरोवर बांध गुजरात के नवागाम (Navagam) के पास स्थित है। यह नर्मदा पर बनाए जाने वाले लगभग 30 बांधों में सबसे बड़ा है तथा नर्मदा घाटी परियोजना (Narmada Valley Project) का हिस्सा है। बांध की कुल विद्युत उत्पाद क्षमता 1,450 मेगावाट है तथा ऊँचाई 138.68 मीटर है। उल्लेखनीय है कि इसकी प्रस्तावित ऊंचाई मात्र 88 मीटर थी लेकिन इसमें कई बार वृद्धि की गई। इसकी लम्बाई 1.2 किलोमीटर है जबकि गहराई 163 मीटर है। बांध की कुल जल भण्डारण क्षमता 4.73 मिलियन क्यूबिक मीटर है।
 बांध का औपचारिक उद्घाटन इसके शिलान्यास के 56 सालों बाद 17 सितम्बर 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर किया। इस बांध से उत्पादित विद्युत को तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात) में बांटा जायेगा जिसमें महाराष्ट्र को 57%, मध्य प्रदेश को 27% और गुजरात को 16% हिस्सा मिलेगी। वहीं इन तीन राज्यों के अलावा राजस्थान को जल की आपूर्ति भी बांध से की जायेगी।
 सरदार सरोवर बांध अपने शिलान्यास से ही तमाम विवादों में घिरा रहा है। तमाम पर्यावरणीय मुद्दों तथा लोगों के विस्थापन को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन के ध्वज तले मेधा पाटकर (Medha Patkar) इस बांध का लम्बे समय से विरोध करती आई हैं। 1996 में सर्वोच्च न्यायालय ने बांध के निर्माण कार्य को रोक दिया था।
जानें सरदार सरोवर बांध की 10 खास बातें-
1- मुंबई के इंजीनियर जमदेशजी एम वाच्छा ने सरदार सरोवर डैम का प्लान बनाया था। जिसकी आधारशिला 56 साल पहले राखी गई थी। 
2- सरदार सरोवर बांध की नीव भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाला नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 में रखी थी।    
3-  इस बांध ऊंचाई 163 और लम्बाई 1,210 मीटर है। सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। अमेरिका का ग्रांट कुली नंबर वन है।
4- बांध के 30 दरवाजे हैं। प्रत्येक दरवाजे का वजन 450 टन है। हर दरवाजे को बंद करने में एक घंटे का समय लगता है।
5- ये बांध अब तक 16,000 करोड़ की कमाई कर चुका है जो इसके स्ट्रक्चर पर हुए खर्च से तकरीबन दोगुना है।
6- सरदार सरोवर बांध की 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी स्टोर करने की क्षमता है।
7- इससे 6000 मेगावॉट बिजली पैदा होगी। बिजली का सबसे अधिक 57% हिस्सा मध्य प्रदेश को मिलेगा। महाराष्ट्र को 27% और गुजरात को 16% बिजली मिलेगी। इससे राजस्थान के 4 करोड़ लोगों की प्यास बुझेगी।
8- बांध बनने के बाद दो साल तक यूपीए सरकार ने इस पर फाटक लगाने की अनुमति नहीं दी थी। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के 17वें दिन ही इस पर फाटक लगाने की अनुमति दे दी थी।
9- इस परियोजना से 18 लाख हेक्टेयर जमीन को लाभ होगा नर्मदा के पानी से नहरों के जरिए 9,000 गांवों में सिंचाई की जा सकेगी।
10- बांध बनाने में 86.20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगा है इससे पृथ्वी से चंद्रमा तक सड़क बनाई जा सकती थी।
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