अगर आप अपने जीवन में कोई भी कार्य पूरा करने का हौसला रखते हैं, तो आप निश्चित रूप से उसे पूरा करेंगे. फिर चाहे आपके पास संसाधनों की कमी ही क्यों न हो. दुनिया में दो तहर के लोग होते हैं. एक वो जो किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ा संघर्ष करते हैं और उन्हें प्राप्त कर लेते हैं. ऐसे लोग सुविधाओं के कम होने पर भी निरास नहीं होते हैं. ऐसे लोग परिस्थिति को दोष न दे कर, उसे अपने अनुरूप बनाने का प्रयास करते हैं और एक दिन सफल भी होते हैं.
वहीं दूसरी तरह के लोग अपने नाकामयाबी के लिए किसी और को जिम्मेदार बता देते हैं. वह यह देखने का प्रयास नहीं करते हैं कि उसके पास क्या मौजूद है, बल्कि यह देखते रहते हैं कि किस चीज की कमी है, कौन सी चीज उनके अनुरूप नहीं हैं. ताकि वह अपनी असफलता के लिए उसे जिम्मेदार बता सकें.
आपके सामने हजारों उदाहरण मिल जायेंगे कि एक स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ने वाला लड़का देश के सबसे बड़े competitive exam को क्रैक कर लेता हैं, क्योंकि वह अपनी परिस्थिति पर रोता नहीं है. उसे फर्क नहीं पड़ता कि उसके पास क्या है और क्या नहीं. वह तो सिर्फ अपने लक्ष्य को निहारता है और जो सुविधा है उनके ही दम पर सफलता प्राप्त कर लेता है. सफलता के लिए कड़ी मेहनत के साथ एक पॉजिटिव सोच भी जरुरी है. जरुरी नहीं है कि आपको अर्जुन जैसे गुरु द्रोण मिले. हो सकता है कि आपको एकलव्य की भाँती स्वयं ही अपना गुरु बनकर खुद को मार्गदर्शित करना पड़े.
इसलिए अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो आप आज ही ये सोचना छोड़ दीजियें कि आपके पास क्या है और क्या नहीं. परिस्थितियां आपके अनुसार हैं या नहीं. बस अपने लक्ष्य पर फोकस करिए और तब तक संघर्ष करते रहिये जब तक आप उसे प्राप्त नहीं कर लेते हैं.