केंद्र सरकार एमसीए 21 पोर्टल को कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से जोड़ने की तैयारी कर रही है। सरकार ऐसा कर के नियमों के अनुपालन को और अधिक आसान बनाना तथा नियमों का सामान्य प्रवर्तन निरंतर स्वचालित आधार पर करना चाहता है।
एमसीए 21 क्या है?
एमसीए 21 एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है। कंपनियों के बारे में सभी सूचनाएं इसी पोर्टल के माध्यम से सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। इसके जरिए मंत्रालय विनियामकों, कंपनियों और निवेशकों सहित सभी पक्षों तक सूचना का प्रसार करता है। इसका एक मात्र उद्देश्य हित धारकों की डाटाबेस तक पहुंच को सुविधा जनक बनाना है, जो उनके लिए अपना कारोबार और बढ़ाने हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।
मंत्रालय की योजना है कि यह पोर्टल का तीसरा संस्करण लगभग एक साल में लागू किया जाएगा। इस दौरान एमसीए 21 में कृत्रिम मेधा को शामिल करने की मंत्रालय की कोशिश होगी।
नई व्यवस्था के लागू होने के बाद संबंधित कंपनी को संज्ञेय जानकारी बार-बार नहीं भरनी पड़ेगी। सिस्टम के डेटाबेस से जुड़ने के बाद सप्ताह में 24 घंटे आटो स्वचालित आधार पर सारी प्रक्रिया पूरी होने लग जाएंगी।
पृष्ठभूमि
यह पोर्टल साल 2006 में लॉन्च हुआ था। केंद्रीय मंत्रालय द्वारा साल 2019 की शुरुआत में इसे अपग्रेड करने के सेवा प्रदाताओं से निविदाएं मांगी गई थीं। टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने ई गवर्नेंस के पहले चरण का काम पूरा किया था, जबकि दूसरे चरण का काम इंफोसिस कर रही है। इंफोसिस ने जनवरी 2013 से दूसरे चरण का काम शुरू किया था, इसके जुलाई 2021 तक पूरा होने की संभावना है।