जानें चर्चा में क्यों है
स्वच्छ
भारत सर्वेक्षण-2019 के लिए टूलकिट लॉन्च कर दिया गया है। केंद्रीय शहरी विकास
मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किट लॉन्च किया। बता दें कि भारत सरकार, आवासन और शहरी
कार्य मंत्रालय ने
दिसंबर 2017 में देश के 111 बड़े शहरों में नागरिकों के
जीवन-यापन हेतु उपलब्ध सुविधाओं के आंकलन के लिए सर्वेक्षण कराया था। इस अवसर पर
स्वच्छ भारत मिशन-एसबीएम ओडीएफ+ और एसबीएम ओडीएफ++ के लिए दिशानिर्देश,
जनभागीदारी बढ़ाने के लिए वेब पोर्टल, जीवन सुगमता सूचकांक, जीवन सुगमता सूचकांका
डैशबोर्ड का शुभारंभ किया गया। बता दें, चंडीगढ़ इंडेक्स में जगह पाने वाला एक
मात्र संघ शासित प्रदेश है।
स्वच्छता
सर्वेक्षण 2019 के अनुसार
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पुणे
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नवी मुंबई
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ग्रेटर मुंबई
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तिरुपति
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चंडीगढ़
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ठाणे
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रायपुर
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इंदौर
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विजयवाड़ा
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भोपाल
स्वच्छ
सर्वेक्षण 2019
पूरे
देश में 4 जनवरी से 31 जनवरी के बीच सभी शहरों में स्वच्छ सर्वेक्षण कराया
जाएगा। इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य शहरों को कचरा और खुले में शौच से मुक्त
कराने के प्रयास में व्यापक स्तर पर जन भागीदारी सुनिश्चित करना तथा समाज के सभी
वर्ग के लोगों के लिए शहरों को जीने लायक बेहतर स्थान बनाने के प्रति जागरूकता
पैदा करना है। सर्वेक्षण के जरिए लोगों को शहरों में साफ-सफाई के लिए किए जा रहे
कार्यों की विश्वसनीय और प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराने की भी कोशिश होगी।
स्वच्छ
सर्वेक्षण 2019 की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार है :-
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ऑनलाइन माध्यम से
डिजिटल सर्वे
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सर्वेक्षण के
संकेतक/प्रश्नावली में 5000 अंक होंगे, जबकि 2018 के सर्वेक्षण के ऐसे सर्वेक्षण
में 4000 अंक रखे गए हैं।
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सर्वेक्षण के लिए डाटा
संकलन का काम नीचे दर्शाए गए चार प्रमुख स्रोतों से किया जाएगा, जिनमें सेवा स्तर
पर हुई प्रगति, प्रत्यक्ष निगरानी, लोगों से प्राप्त फीडबैक और प्रमाणन शामिल
है।
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सेवा स्तर पर हुई
प्रगति की श्रेणी में एक नया घटक जोड़ा गया है, जिसे नीचे दिए गए चित्र के जरिए
दर्शाया गया है।
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प्रमाणन (कचरा और खुले
में शौच से मुक्त शहरों के लिए स्टार रेटिंग का प्रोटोकॉल)
कचरा मुक्त शहरों के लिए
स्टार रेटिंग: स्टार रेटिंग के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित
12 मानकों के आधार पर शहरों का आकलन किया जाएगा। इसमें शहरों में नालियों और जल
स्रोतों की साफ सफाई, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों
के दौरान निकलने वाले कचरे के निपटान आदि बातें शामिल हैं। इन कार्यों की कड़ी
समीक्षा के बाद ही किसी शहर को स्टार रेटिंग दी जाएगी।
एसबीएम ओडीएफ+ और ओडीएफ ++
प्रोटोकॉल
पिछले
चार वर्षों के दौरान स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों में साफ-सफाई की निगरानी
करने के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव आया है। मंत्रालय अब साफ-सफाई के कार्यों का
आकलन बनाए गए शौचालयों की संख्या के आधार पर नहीं बल्कि ऐसे वार्डों और शहरों की
संख्या के आधार पर करता है, जहां शौचालय बनाए गए हैं। किसी शहर को ओडीएफ प्रमाण
पत्र देने से पहले ओडीएफ के लिए तय प्रोटोकॉल का अनुपालन पूरी सख्ती के साथ किया
जाता है। देश में अब तक 18 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 3223 शहरों को खुले
में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। ओडीएफ+ और एसबीएम ओडीएफ++ प्रोटोकॉल के तहत
लोगों को शौचालय की सुविधा मिलने, शौचालयों की साफ सफाई और मल निकासी प्रबंधन जैसी
बातें भी शामिल की गई हैं।
जीवन सुगमता सूचकांक
जीवन
सुगमता सूचकांक आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की पहल है, जिसके जरिए शहरों में
बसने वाले लोगों के जीवन को आसान बनाने का प्रयास किया गया है। इस सूचकांक पर किसी
शहर का आकलन चार प्रमुख मानकों के आधार पर किया जाता है, जिसमें संस्थागत
प्रबंधन, सामाजिक और आर्थिक स्थिति तथा बुनियादी ढांचे की स्थिति शामिल है। इन चार
मानकों का आगे 15 उपश्रेणियों और 78 संकेतों में वर्गीकरण किया गया है।