हाल ही में व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा जारी की गई वैश्विक निवेश रिपोर्ट 2019 के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत को लगभग 42 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मुख्यतः विनिर्माण, संचार और वित्तीय क्षेत्रों में प्राप्त हुआ था।
भारत के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अंतर्प्रवाह में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। एफडीआई के लिए एक स्रोत देश के रूप में भारत की रैंक एक स्थान गिरकर 10 वें स्थान पर पहुंच गई।
मुख्य निष्कर्ष
वर्ष 2018 में दक्षिण एशियाई क्षेत्र में आने वाले कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 77 प्रतिशत हिस्सा भारत को प्राप्त हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की संभावनाएँ मुख्यतः भारत में होने वाले निवेश पर निर्भर करती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि का मुख्य कारण सीमा पार से विलय और अधिग्रहण रहा। गौरतलब है कि भारत ने वर्ष 2017 के निवेश के मुकाबले लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने NDIAC विधेयक को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (NDIAC) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है।
विधेयक संस्थागत मध्यस्थता के लिए एक स्वतंत्र और स्वायत्त निकाय की स्थापना का प्रावधान करता है।
इसका उद्देश्य नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (NDIAC) के माध्यम से इंटरनेशनल सेंटर फॉर अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिज़ॉल्यूशन के उपक्रमों को अधिगृहीत करना और स्थानांतरित करना भी है। यह 2 मार्च 2019 से प्रभावी होगा।
इससे भारत में गुणवत्ता संपन्न विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे और लागत की नजर से भी लाभ होगा।