Current Affairs : 16-03-2018

1) ब्रह्माण्ड के रहस्यों से पर्दा हटाने वाले सुविख्यात भौतिकविद स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking), जिनकी अद्वितीय बौद्धिक क्षमता तथा शारीरिक अक्षमता ने उन्हें दुनियाभर में अभूतपूर्व प्रसिद्धि दिलाई थी, का 76 वर्ष की आयु में 14 मार्च 2018 को निधन हो गया। 1988 में प्रकाशित हुई उनकी किस पुस्तक ने उनकी लोकप्रियता को बुलंदियों पर पहुँचा दिया था? – “ए ब्रीफ हिस्टरी ऑफ टाइम” (“A Brief History of Time”)

विस्तार: प्रख्यात ब्रिटिश वैज्ञानिक एवं भौतिकविद स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) ने अपना पूरा जीवन ब्रहाण्ड के रहस्यों से पर्दा हटाने को समर्पित कर दिया था। अपनी अद्वितीय बौद्धिक क्षमता के अलावा अपने मजाकिया स्वभाव के कारण उनकी प्रसिद्धि भौतिकी से इतर भी खूब हुई थी।
 9 जनवरी 1942 को जन्में हॉकिंग को वर्तमान दौर के महानतम वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है तथा उनकी तुलना प्राय: एलबर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) और न्यूटन (Newton) से की जाती थी। 1988 में प्रकाशित हुई उनकी पुस्तक “ए ब्रीफ हिस्टरी ऑफ टाइम” (“A Brief History of Time”) उस दौर की सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक बनी थी तथा आज भी इसकी लोकप्रियता कायम है। इस पुस्तक ने इनको सुपरस्टार का दर्जा प्रदान करने में काफी मदद की थी।
 22 वर्ष की आयु में 1964 में उन्हें मोटर न्यूरॉन रोग (motor neurone disease) हो गया था तथा डॉक्टरों ने उनकी जल्द मौत का अनुमान लगाया था लेकिन उन्होंने अपनी जिजीविषा के चलते अपने जीवन को चुनौतीपूर्ण परंतु लम्बा करने में सफलता प्राप्त की। उनकी बीमारी के कारण उनका चलना-फिरना बिल्कुल बंद हो गया था तथा वे जीवन-भर व्हील-चेयर से बंध गए। इस दौर में भी उन्होंने अपनी खोज का दौर जारी रखा और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए वॉइस सिंथेसाइज़र का इस्तेमाल किया जो उनकी पहचान बन गया।
 14 मार्च 2018 को कैम्ब्रिज (Cambridge) स्थित अपने आवास में स्टीफन हॉकिंग चिर-निद्रा में विलीन हो गए।
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2) किसने 9 मार्च 2018 को त्रिपुरा (Tripura) के नए मुख्यमंत्री (Chief Minister) के तौर पर शपथ ली? – बिप्लब कुमार देब (Biplab Kumar Deb)
विस्तार: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बिप्लब कुमार देब (Biplab Kumar Deb), जिनके नेतृत्व में भाजपा ने वर्ष 2018 के त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करते हुए 25 वर्ष से राज्य की सत्ता पर काबिज भारतीय मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI-M) को सत्ता से बाहर कर दिया, ने 9 मार्च 2018 को त्रिपुरा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे मार्च 2018 से त्रिपुरा में भाजपा के अध्यक्ष हैं तथा राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही है।

 48-वर्षीय बिप्लब ने माणिक सरकार का स्थान लिया है जो मार्च 1998 से राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं तथा देश के कुछ सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक रहे हैं। 18 फरवरी 2018 को त्रिपुरा विधानसभा की 59 सीटों के लिए चुनाव हुआ था तथा 3 मार्च 2018 को घोषित परिणामों में भाजपा 43 सीटें जीतकर CPI-M को झटका देकर सत्ता हासिल करने में सफल रही थी। CPI-M को मात्र 16 सीटों से संतोष करना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के पास त्रिपुरा में एक भी सीट नहीं थी जबकि CPI-M के पास 50 सीटें थीं।
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3) 9 मार्च 2018 को दिए अपने ऐतिहासिक आदेश में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने सम्मान के साथ देह त्यागने के अधिकार (Right to Die with Dignity) को मूलभूत अधिकार मानते हुए कुछ स्थितियों में इच्छामृत्यु (Passive Euthanasia) की अनुमति प्रदान कर दी। यह आदेश किस गैर-सरकारी संस्था द्वारा वर्ष 2005 में दायर एक जनहित याचिका (PIL) के निस्तारण में दिया गया? – कॉमन कॉज़ (Common Cause)
विस्तार: “कॉमन कॉज़” (Common Cause) नामक नामक एक गैर-सरकारी संस्था (NGO) ने वर्ष 2005 में सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (Public Interest Litigation – PIL) दायर की थी तथा इसमें मांग की थी मौत के दरवाजे पर खड़े लोगों (terminally ill individuals) को सम्मान के साथ अपना शरीर त्यागने की अनुमति प्रदान की जाने चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई 2005 को याचिका को स्वीकार कर इस पर सुनवाई शुरू की थी। इस सम्बन्ध में पूछे गए प्रशन पर कि क्या “सम्मान के साथ देह त्यागने” को भारतीय संविधान की धारा 21 के तहत मूलभूत अधिकार माना जा सकता है, सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार से उसकी राय मांगी थी।
 9 मार्च 2018 को दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने सम्मान के साथ देह त्यागने के अधिकार को मूलभूत अधिकार मानते हुए कुछ स्थितियों में इच्छामृत्यु की अनुमति प्रदान कर दी। न्यायालय ने इच्छामृत्यु (passive euthanasia) सम्बन्धी अग्रिम निर्देश (Living Will) की अनुमति तो प्रदान कर दी लेकिन इसके अनुपालन के लिए तमाम कड़ी शर्तों की भी व्यवस्था की है।
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4) कौन सा केन्द्र शासित प्रदेश (Union Territory) सौर-ऊर्जा (Solar power) से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं से अधिक उत्पादन करने वाला देश का पहला केन्द्र शासित प्रदेश बना है, जिसके बारे में मार्च 2018 को घोषणा की गई? – दीव (Diu)
विस्तार: सारे भारत को राह दिखाते हुए दीव (Diu) भारत का पहला ऐसा केन्द्र शासित प्रदेश (UT) बन गया है जो अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं से अधिक उत्पादन कर पाने में सक्षम हो गया है। मार्च 2018 के दौरान जारी जानकारी के अनुसार दीव अब अपनी ऊर्जा आवश्यकता की 100% से अधिक पूर्ति सौर-ऊर्जा से करता है।
 42 वर्ग किलोमीटर वाले दीव ने अपने लगभग 50 एकड़ क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की है। दीव प्रशासन ने पिछले तीन वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में खासे प्रयास किए हैं। यहाँ वर्तमान में लगभग 13 मेगावॉट सौर-ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है जिसमें से लगभग 3 मेगावॉट उत्पादन छत (rooftop plants) पर लगे सौर-ऊर्जा संयंत्रों से होता है जबकि शेष 10 मेगावॉट उत्पादन अन्य सौर-ऊर्जा संयंत्रों से होता है। वहीं लगभग 56,000 की जनसंख्या वाले इस केन्द्र शासित प्रदेश की अधिकतम विद्युत मांग मात्र 7 मेगावॉट है।
 उल्लेखनीय है कि अभी कुछ वर्ष पूर्व तक दीव अपनी समस्त ऊर्जा व जल आवश्यकता के लिए पड़ोसी गुजरात (Gujarat) पर निर्भर था। उस समय यहाँ के प्रशासन ने सौर-ऊर्जा केन्द्रों को बढ़ावा देकर ऊर्जा उत्पादन में आत्म निर्भर बनने का फैसला लिया।
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5) केन्द्र सरकार द्वारा 8 मार्च 2018 को लाँच किए गए उस 100% जैविक सैनिटरी नैपकिन (sanitary napkin) का क्या नाम जिसे प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना के तहत देश की महिलाओं को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जायेगा? – “सुविधा” (“Suvidha”)
विस्तार: “सुविधा” (“Suvidha”) उस 100% ऑक्सो-जैविक सैनिटरी नैपकिन (100% oxo-biodegradable sanitary napkin) का नाम है जिसे मात्र रु. 2.50 प्रति पैड की दर पर देश की आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को उपलब्ध कराया जायेगा। इस नैपकिन ब्राण्ड को केन्द्र सरकार के देश भर में फैले लगभग 3,200 जन-औषधि केन्द्रों (Janaushadhi Kendra) के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा।
 उल्लेखनीय है भारत की संसाधन-विहीन महिलाएं माहवारी के लिए अभी भी तमाम असुरक्षित उपायों का प्रयोग इसलिए करती हैं क्योंकि वे महंगे सैनिटरी नैपकिन ब्राण्ड बाजार से खरीदने में असक्षम हैं। “सुविधा” पैड इसी वर्ग को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार ने बाजार में उतारा है।
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6) भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने बचत खाताधारकों (savings account holders) द्वारा तय न्यूतनम मासिक बैलेंस (monthly average balance) से कम बैलेंस रखने पर वसूले जाने वाले जुर्माने (penalty) की राशि को घटाने की घोषणा 13 मार्च 2018 को की। अब बैंक की मेट्रो और शहरी शाखाओं के खाताधारकों पर यह जुर्माना राशि घटा कर कितनी कर दी गई है? – 15 रुपए
विस्तार: देश के सबसे बड़े बैंकिंग उपक्रम भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI) ने 13 मार्च 2018 को अपने बचत खाताधारकों द्वारा तय न्यूतनम मासिक बैलेंस से कम बैलेंस रखने पर वसूले जाने वाले जुर्माने की राशि को मेट्रो और शहरी शाखाओं की स्थिति में वर्तमान रु. 50 से घटाकर रु. 15 कर दिया। वहीं अर्द्ध-शहरी (semi-urban) व ग्रामीण (rural) शाखाओं में इस जुर्माना राशि को वर्तमान रु. 40 से घटाकर क्रमश: रु. 12 और रु. 10 कर दिया गया। बैंक ने यह जानकारी भी दी कि जुर्माना राशि को घटाने से उसके लगभग 25 करोड़ खाताधारकों को लाभ होगा।
 उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय द्वारा दिसम्बर 2017 में जारी जानकारी के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक ने न्यूतनम मासिक बैलेंस न रखने के कारण वसूले गए जुर्माने के रूप में ही वर्ष 2017-18 के आठ माह के दौरान 17.72 अरब रुपए की आय अर्जित की थी जोकि उसकी दूसरी तिमाही के लाभ से भी अधिक थी। इसके बाद बैंक को घोर भर्त्सना का सामना करना पड़ा था। SBI की मेट्रो व शहरी शाखाओं में रु. 3,000 मासिक बैलेंस रखने का नियम है जोकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सर्वाधिक है। हालांकि यह निजी बैंकों के मुकाबले कम ही है।
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7) अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबन्धन (International Solar Alliance – ISA) का पहला शिखर सम्मेलन 11 मार्च 2018 को कहाँ आयोजित किया गया? – नई दिल्ली (New Delhi)
विस्तार: अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबन्धन (ISA) संधि-आधारित संगठन का नाम है जिसकी स्थापना दुनिया भर के 121 देशों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर वर्ष 2015 में की गई थी। फ्रांस (France) इस गठबन्धन का उप-प्रायोजक देश है।
 गठबन्धन का पहला शिखर सम्मेलन भारत की राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) में 11 मार्च 2018 को आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने विकासशील देशों में सौर परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड़ यूरो (€700 million) की अतिरिक्त धनराशि देने की अहम घोषणा की। उल्लेखनीय है कि फ्रांस ने वर्ष 2015 में 30 करोड़ यूरो देने की घोषणा की थी।
 इस शिखर सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबन्धन के सदस्य राष्ट्रों के नेताओं के अलावा एशियाई विकास बैंक (ADB) व अफ्रीकी विकास बैंक (AfDB) के प्रतिनिधि भी शामिल हुए तथा इन्होंने सौर-परियोजनाओं के लिए तमाम संधियाँ करने के प्रति अपनी रुचि दिखाई।
 अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबन्धन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक वैश्विक स्तर पर 1 ट्रिलियन वॉट सौर-ऊर्जा का उत्पादन करना है। अब तक 61 देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं जबकि 32 ने संधि का अनुमोदन भी कर दिया है।
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